Friday, 1 April 2016

शायरी By सोनू बघेल

बिना वादा भी तेरा इन्तजार है
जुदा होके भी तुमसे प्यार है
गवाही देती है तेरे चेहरे की उदासी
मिलने को मुझसे तू भी बेकरार है

हर रास्ता एक सफ़र चाहता हे
हर मुसाफिर एक हमसफर चाहता हे
✨जेसे चाहती हे चाँदनी चांद को
कोई हे जो आपको इस कदर चाहता हे

Sonu baghel

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